भारत चावल उत्पादन के मामले में विश्व में दूसरा स्थान रखता है। बासमती धान की सीधी बिजाई के लिए आप पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1885 और पूसा बासमती 1886 का चुनाव अपने क्षेत्र की जलवायु एवं मृदा, फसल चक्र और संसाधनों को ध्यान में रखते हुए कर सकते हैं।
इन तीनों प्रजातियों का बीज बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान मोदीपुरम मेरठ के फार्म पर उपलब्ध हैं आप चाहें तो आकर खरीद सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1885 और पूसा बासमती 1886 को रोग रोधी के रूप में विकसित किया है। वैज्ञानिकों का कहना है, कि पूसा बासमती 1847 रोग रोधी है।
इसके ऊपर बैक्टीरियल ब्लाइट और ब्लास्ट का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह जल्द ही तैयार हो जाएगी। अगर किसान भाई पूसा बासमती 1847 की खेती करते हैं, तो प्रति हेक्टेयर 57 क्विंटल पैदावार मिलेगी।
इसी प्रकार पूसा बासमती 1885 भी रोगरोधी है। यह 135 दिन के अंतर्गत पककर तैयार हो जाती है। इसकी औसत पैदावार 46.8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
वहीं, पूसा बासमती 1886 भी बैक्टीरियल ब्लाइट एवं ब्लास्ट रोग रोधी है। इसकी औसत उपज 44.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि बासमती धान में झुलसा और झोका रोग काफी तीव्रता से लगता है। इस रोग के लगने से उत्पादन काफी प्रभावित हो जाता है।
ऐसे में किसान धान के ऊपर पानी में मिलाकर ट्राइसाइक्लाजोल का छिड़काव करते हैं। ऐसी स्थिति में चावल में रसायनों का प्रभाव काफी बढ़ जाता है। इसकी वजह से इन चावलों का निर्यात यूरोपीय देशों में नहीं हो पाता है।
परंतु, अब किसानों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। वैज्ञानिकों ने पुरानी प्रजातियों को ही विकसित कर रोग रोधी बना दिया है।
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यानी के अब बासमती की इन किस्मों में जीवाणु झुलसा और झोका रोग नहीं लगेंगे। ऐसे में कीटनाशकों के ऊपर होने वाले खर्च से किसानों को राहत मिलेगी। साथ ही, उपज भी काफी बढ़ जाएगी।
प्रायः धान की खेती में जल की काफी मात्रा में आवश्यकता होती है। बासमती चावल की इन किस्मों की खेती करने पर जल की काफी कम खपत होती है।
इन किस्मों की कटाई कम समयांतराल में हो जाती है। इन किस्मों की धान की फसल में अधिक श्रम भी नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ-साथ रोपाई पर आने वाला खर्चा भी काफी कम होगा।
जब कभी कृषि से संबंधित किसी उपकरण या ट्रैक्टर का जिक्र होता है, तो सबसे पहले किसानों के मन में महिंद्रा की छवि आती है। ऐसा इसलिए क्योंकि महिंद्रा के सभी उपकरण और कृषि यंत्र वर्षों से अच्छा प्रदर्शन और विश्वसनीयता बनाए हुए हैं।
विश्व की सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के फार्म इक्विपमेंट सेक्टर (एफईएस) ने महिंद्रा 6आरओ पैडी वॉकर नाम से एक नया 6 पंक्ति वाला धान ट्रांसप्लांटर अनावरित किया है।
धान की रोपाई में नए मानक स्थापित करते हुए, महिंद्रा की नवीन उन्नत धान रोपाई मशीन उत्कृष्ट ऑपरेटर दक्षता प्रदान करती है और इसे एक ही पास में एक साथ छह पंक्तियों में सटीक और कुशल रोपाई के लिए विकसित किया गया है।
परिचालन क्षेत्र में एक समान प्रत्यारोपण सुनिश्चित करने के लिए, महिंद्रा 6आरओ पैडी वॉकर मैन्युअल रूप से संचालित होता है। डिजाइन में कॉम्पैक्ट है और इसे सीमित जगहों में भी चलाना सुगम है। वर्ना श्रम-केंद्रित प्रक्रिया के मुकाबले में श्रम लागत काफी कम हो जाती है।
नया धान ट्रांसप्लांटर शक्ति, विश्वसनीयता और प्रदर्शन पर ध्यान देने के साथ अत्यधिक टिकाऊ गियरबॉक्स और इंजन का दावा करता है, जो उच्च उत्पादन और कम ईंधन खपत की गारंटी प्रदान करता है।
धान की खेती में उत्पादकता को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाता है। साथ ही, विस्तारित सेवा अंतराल भी देता है। नया समाधान जल संरक्षण को सामर्थ बनाएगा।
चावल की खेती से जुड़े पर्यावरणीय प्रभाव को कम करेगा। वहीं, फसल की समग्र लाभप्रदता में भी सुधार करेगा।
नया महिंद्रा 6आरओ पैडी वॉकर तमिलनाडु में महिंद्रा के व्यापक डीलर नेटवर्क के माध्यम से सीमित समय के विशेष ऑफर मूल्य 2, 49 999 रुपये के साथ उपलब्ध होगा।
नए महिंद्रा 6आरओ पैडी वॉकर को महिंद्रा फाइनेंस और श्रीराम फाइनेंस से सर्वोत्तम श्रेणी के वित्तपोषण विकल्पों के साथ भी प्रस्तुत किया जाएगा।
महिंद्रा कृषि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर बना हुआ है। साथ ही, विश्व भर के किसानों को ज्यादा सफलता और स्थिरता हांसिल करने में सहयोग कर रहा है।
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महिंद्रा पैडी वॉकर 6आरओ का अनावरण नवीन अत्याधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी समाधानों के जरिए से खेती में परिवर्तन और किसानों के जीवन को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए कंपनी के समर्पण को रेखांकित करता है।
इससे उच्च सटीकता और सटीक रोपण में मदद मिलती है।
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अत्यधिक टिकाऊ गियरबॉक्स: गुणवत्ता और विश्वसनीयता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, नया महिंद्रा पैडी वॉकर 6आरओ एक उच्च गुणवत्ता और टिकाऊ गियरबॉक्स का उपयोग करता है जो लंबे समय तक चलने वाले प्रदर्शन के लिए जलरोधक है।
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